इसके बाद फिल्म निर्माताओं और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला जी ने कहा था कि इसके संवाद बदलेंगे ताकि किसी की भावनाएं आहत ना हो।
मेरा खुद का मानना है कि अगर इस मूवी के डायलॉग ऐसे होते जो रामायण में थे, रामानंद सागर जी के रामायण में थे वहीं से अगर यह कॉपी किए होते तो यह मूवी बहुत अच्छा नाम कमाती।
एक और मनोज मुंतशिर शुक्ला जी मूवी रिलीज होने के पहले बोल रहे थे कि यह मूवी रामायण पर बेस्ड है लेकिन जब मूवी रिलीज हो गया तो मनोज शुक्ला जी ने बोला कि यह मूवी इंस्पायर्ड है।
कई चैनलों पर अपने बचाव में मनोज मुंतशिर जी ने बोला कि हमारे गांव में कथाओं में ऐसी भाषा का प्रयोग किया जाता है इसलिए हमने ऐसे संवाद डाले थे।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस मूवी के रिलीज होने के दूसरे दिन ही नेपाल में इस मूवी को बैन कर दिया गया था क्योंकि इसमें जानकी (मां सीता)हैं, उनके बारे में गलत फैक्ट्स बताए गए थे।
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