Monday 10 July 2023

जिसके पास जितना डाटा वह उतना ताकतवर..⚡

हम सभी को इस बात की जानकारी है यह दुनिया बहुत तेजी से बदल गई है और तेजी से बदलने के साथ या दुनिया डिजिटल भी होती जा रही है। इसलिए अब डाटा के दुरुपयोग के मामले खूब आने लगे हैं। आजकल अगर हम गलती से भी कोई ऐसा एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेते हैं जो विश्वसनीय   नहीं होता है, वह पल में आपके सारे डाटा को अपने पास स्टोर कर लेता है।

पर्सनल डाटा का इधर से उधर होने का परिणाम यह होता है की मार्केट कंपनियों के पास आपके डिटेल्स आ जाते हैं फिर वह आपको कॉल करके परेशान करने लगते हैं । और कभी-कभी इन्हीं डाटा के इधर-उधर हो जाने के कारण आपके साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी भी हो जाती है।

आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल लाने की तैयारी कर रही है। मानसून सत्र में या बिल आ जाएगा। इसके तहत हम सभी लोगों के पास यह राइट हो जाएगा कि हम कंपनी से पूछ सकेंगे कि हम से लिया गया डाटा कहां-कहां शेयर किया गया। और यदि आपको लगता है कि आपके डाटा का गलत उपयोग किया गया है तो आप शिकायत भी कर सकते हैं। यदि यह सिद्ध हो जाता है कि किसी कंपनी ने डिजिटल डेटा की सुरक्षा से जुड़े रूल्स को वॉयलेट किया है तो उसे भारी-भरकम जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है।

✨आइए जानते हैं कि किस तरह से share होता है डिजिटल पर्सनल डाटा-

🫴यह बात सबको मालूम होगा कि सिम खरीदने के लिए जब हम केवाईसी का प्रोसेस करवाते हैं तो उस समय हम लोगों का पर्सनल डाटा लिया जाता है।

🫴किसी भी ट्रांसपोर्ट के लिए जब हम ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं तब भी हम लोगों से पर्सनल डाटा मांगे जाते हैं।

🫴बैंक में खाता खुलवाने के समय भी फॉर्म में कई प्रकार की पर्सनल इंफॉर्मेशन भरनी होती हैं।

🫴क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए भी फॉर्म में इस तरह के इंफॉर्मेशन भरनी होती हैं।

🫴विभिन्न सरकारी विभागों में भी पर्सनल इंफॉर्मेशन ली जाते हैं।

🫴सोशल मीडिया जैसे टि्वटर, फेसबुक, थ्रेड्स, स्नैपचैट, इंस्टाग्राम आदि पर प्रोफाइल बनाते समय भी हमें अपने नाम, जन्मतिथि के साथ कई अन्य जानकारियां देनी होती हैं।

👉हम सभी जानते हैं कि आज के समय में जिसके पास जितना डेटा है वही उतना ही ताकतवर है। डिजिटल क्रांति का दौर चल रहा है हम सभी जानते हैं कि अर्थव्यवस्था के लगभग हर पक्ष में डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। इंडिविजुअल का डाटा कहीं ना कहीं किसी न किसी स्वरूप में फैला हुआ है। 

✨इन्हीं स्थितियों को देखते हुए कई संस्थान ने सरकार से इस तरह के कानून बनाने की अपील की है जिससे लोगों की डिजिटल पर्सनल डाटा को सुरक्षित रखा जा सके। 

लोगो द्वारा मांगें गए मांगों पर सरकार ने इन मांगों पर किया विचार..

🫴किसी कार्य के लिए पर्सनल डाटा लेते समय न्यूनतम जानकारी ही जुटाई जाए।

🫴पर्सनल डाटा का स्टोरेज लीगल वे में किया जाए।

🫴किसी भी सिटीजन का डाटा लेने वाला उस डाटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।

🫴कहीं भी डाटा की चोरी का अंदेशा हो तो उसकी शिकायत का मंच बनाया जाए।


⭐हम सभी को इस बात का एहसास होता होगा कि जब कभी भी हम किसी भी चीज के बारे में बात करते हैं तो सोशल मीडिया पर उससे संबंधित प्रचार आने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे हाथ में जो स्मार्टफोन है इसमें माइक्रोफोन लगा हुआ है। और जब कभी भी हम किसी भी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करते हैं तो हमसे कई प्रकार के सेटिंग्स को allow करवा लिया जाता है। एक तो हम जल्दबाजी में सब कुछ allow कर देते हैं और दूसरी और देखा जाए यदि हम allow नहीं करेंगे तो हम उस एप्लीकेशन का यूज ही नहीं कर पाएंगे। इसके बाद होता यह है कि हमारे सारे फोटोस हमारे सारे कांटेक्ट, हम क्या किससे बात कर रहे हैं..सारा डाटा एप्लीकेशन के पास पहुंच जाता है। 

⭐अगर आपको विश्वास ना हो रहा हो तो अपने फोन को हाथ में ले जाए और चार पांच बार बोलिए पिज़्ज़ा पिज़्ज़ा पिज़्ज़ा फिर आप दो-तीन मिनट बाद अपना सोशल मीडिया अकाउंट चेक करिए आपको पिज़्ज़ा का ऐड आने लगेगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा सारा डाटा एप्लीकेशन के पास जा रहा होता है और वह एप्लीकेशन आपका सारा डाटा कंपनियों को बेच देता है। 

इसको लेकर मार्क जुकरबर्ग को एक बार अमेरिकी अदालत में भी बुलाया जा चुका है।

आप यह सुनकर पढ़कर हैरान हो जाएंगे कि हमें हर महीने में लगभग 18 से 20 स्पैम कॉल आती है। 

लगभग 38 अरब स्पैम कॉल को 2021 में ट्रूकॉलर ने ब्लॉक किया था। 

5 अरब s.m.s. फिशिंग के प्रयास होते हैं भारत में सालाना। 

Inhin sab chijon Ko lekar jamtara Jaisi web series bhi banai ja chuki hai.

जब डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल संसद से पास होकर एक्ट बन जाएगा तो कुछ इस तरह से सुरक्षा की व्यवस्था बन जाएगी-

👉डाटा जिस उद्देश्य के लिए लिया जाएगा केवल उसी उद्देश्य के लिए यूज किया जाएगा। 

👉पर्सनल डाटा के यूज़ के लिए कंपनियों को ग्राहकों की परमिशन लेनी होगी।

👉ग्राहक अपने डेटा के रखरखाव की जानकारी ले सकेंगे।

👉बैंक डिजिटल प्लेटफॉर्म केवाईसी के नाम पर लिए डाटा का प्रयोग अन्य तरीकों से नहीं कर सकेंगे।

👉पैन और आधार कार्ड के दुरुपयोग पर सजा और जुर्माना बढ़ा दिया जाएगा।

👉कानून के उल्लंघन पर 10000 से 250 करोड़ तक जुर्माने का प्रोविजन होगा। दूसरी बार उल्लंघन में पकड़ी गई कंपनी को ₹500 करोड़ तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

👉अधिग्रहण एवं विलय होने पर संबंधित कंपनियां डाटा शेयर कर सकेंगे।

👉क्रेडिट मूल्यांकन लोन रिकवरी के लिए डाटा का प्रयोग हो सकेगा।

👉सरकार को कुछ मामलों में डाटा के यूज़ का अधिकार रहेगा।

👉सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने पर इंटरनेट मीडिया कंपनियों को यूज़र का पूरा डाटा डिलीट करना होगा।

👉इस समय आईटी एक्ट 2000 का कानून चल रहा है जो कि काफी पुराना हो चुका है। वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से इसमें कई खामियां हैं, इसलिए नया कानून इसकी जगह पर आ जाएगा। 

🌞कहा जाता है कि 'prevention is better than cure' तो क्यों ना हम खुद भी अपने डेटा को सुरक्षित रखें..

👉सबसे पहले जिस एप्लीकेशन का आप यूज नहीं कर रहे हैं उसको डिलीट कर दें।

👉सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्हीं लोगों को जोड़ें जिनको आप जानते हो।

👉किसी भी प्रकार की एप्लीकेशन की जरूरत हो तो प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

👉सोशल मीडिया पर अपना ईमेल आईडी और फोन नंबर हाइड कर कर रखें।

👉कोशिश करिए की फैमिली फोटोस या पर्सनल फोटोस केवल आपके जानने वाले ही देख पाए।

👉कभी भी स्पैम कॉल आए तो उसे ब्लॉक कर दें।

👉अपना फोन या सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड किसी अन्य व्यक्ति को ना दें।

👉समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें और पासवर्ड को थोड़ा tough रखें।

👉किसी भी प्रकार का कॉल आता है और आप से आपके बैंक डिटेल्स मांगे जाते हैं तो बिल्कुल भी ना दें। 

👉कोई भी फोन करके बोले कि आप लॉटरी जीत गए हैं तो उस पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें क्योंकि आज के समय में बिन मेहनत कुछ भी नहीं मिलता है।

👉आपके घर में बड़े बुजुर्ग हो तो उन्हें भी यह चीज बताएं और खुद ही उनके फोन में सेटिंग्स इस प्रकार कर दें कि उनका डाटा लीक न हो!

सोर्स - #DainikJagran

थैंक यू!




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