Tuesday 18 July 2023

केदारनाथ में वीडियो, रील आदि बनाने और मंदिर के अंदर फोटो खींचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

जब से केदारनाथ मंदिर के सामने प्रपोजल वाला वीडियो वायरल हुआ है, इस बात पर बहस छिड़ गई कि धार्मिक स्थानों को मनोरंजन का या पिकनिक स्पॉट ना बनाया जाए। 

इन्हीं सब चीजों को देखते हुए केदारनाथ मंदिर समिति ने नया निर्देश जारी कर दिया है। 

अब केदारनाथ मंदिर में श्रद्धालु मर्यादित वस्त्रों में प्रवेश कर सकेंगे। अमर्यादित वस्त्रों में आने वालों के विरुद्ध श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति कार्रवाई करेगी। साथ ही साथ अब वहां पर वीडियो रील बनाने और मंदिर के अंदर फोटोग्राफी करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

मंदिर समिति की ओर से केदारनाथ मंदिर परिसर में, भैरवनाथ मंदिर और आसपास साइन बोर्ड लगा दिए गए हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि केदारनाथ मंदिर परिसर में वीडियो और रील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर करने के मामले सामने आने से बाबा के भक्तों की भावनाएं आहत हो रही है।

प्रतिबंध के बाद मोबाइल रखने के लिए क्लॉक रूम की व्यवस्था की जा रही है।

#दैनिकजागरण





Tuesday 11 July 2023

Monthly Active Users On Social Sites.

Facebook Monthly Active Users- 300 crore.
Instagram Monthly Active Users- 200 Crore.
Twitter Monthly Active Users- 45 Crore.
Snapchat monthly Active Users- 7.5 Crore.

Monday 10 July 2023

Canada Court

Canada Court while observing that ‘Thumbs Up’ emoji is an action in electronic form that can be used to express acceptance under Electronic Information and Documents Act, 2000, SS 2000, has held that the use of emoji in response to contract will amount to binding acceptance under a legal contract.

#manupatra 

जिसके पास जितना डाटा वह उतना ताकतवर..⚡

हम सभी को इस बात की जानकारी है यह दुनिया बहुत तेजी से बदल गई है और तेजी से बदलने के साथ या दुनिया डिजिटल भी होती जा रही है। इसलिए अब डाटा के दुरुपयोग के मामले खूब आने लगे हैं। आजकल अगर हम गलती से भी कोई ऐसा एप्लीकेशन डाउनलोड कर लेते हैं जो विश्वसनीय   नहीं होता है, वह पल में आपके सारे डाटा को अपने पास स्टोर कर लेता है।

पर्सनल डाटा का इधर से उधर होने का परिणाम यह होता है की मार्केट कंपनियों के पास आपके डिटेल्स आ जाते हैं फिर वह आपको कॉल करके परेशान करने लगते हैं । और कभी-कभी इन्हीं डाटा के इधर-उधर हो जाने के कारण आपके साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी भी हो जाती है।

आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल लाने की तैयारी कर रही है। मानसून सत्र में या बिल आ जाएगा। इसके तहत हम सभी लोगों के पास यह राइट हो जाएगा कि हम कंपनी से पूछ सकेंगे कि हम से लिया गया डाटा कहां-कहां शेयर किया गया। और यदि आपको लगता है कि आपके डाटा का गलत उपयोग किया गया है तो आप शिकायत भी कर सकते हैं। यदि यह सिद्ध हो जाता है कि किसी कंपनी ने डिजिटल डेटा की सुरक्षा से जुड़े रूल्स को वॉयलेट किया है तो उसे भारी-भरकम जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है।

✨आइए जानते हैं कि किस तरह से share होता है डिजिटल पर्सनल डाटा-

🫴यह बात सबको मालूम होगा कि सिम खरीदने के लिए जब हम केवाईसी का प्रोसेस करवाते हैं तो उस समय हम लोगों का पर्सनल डाटा लिया जाता है।

🫴किसी भी ट्रांसपोर्ट के लिए जब हम ऑनलाइन टिकट बुक करते हैं तब भी हम लोगों से पर्सनल डाटा मांगे जाते हैं।

🫴बैंक में खाता खुलवाने के समय भी फॉर्म में कई प्रकार की पर्सनल इंफॉर्मेशन भरनी होती हैं।

🫴क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए भी फॉर्म में इस तरह के इंफॉर्मेशन भरनी होती हैं।

🫴विभिन्न सरकारी विभागों में भी पर्सनल इंफॉर्मेशन ली जाते हैं।

🫴सोशल मीडिया जैसे टि्वटर, फेसबुक, थ्रेड्स, स्नैपचैट, इंस्टाग्राम आदि पर प्रोफाइल बनाते समय भी हमें अपने नाम, जन्मतिथि के साथ कई अन्य जानकारियां देनी होती हैं।

👉हम सभी जानते हैं कि आज के समय में जिसके पास जितना डेटा है वही उतना ही ताकतवर है। डिजिटल क्रांति का दौर चल रहा है हम सभी जानते हैं कि अर्थव्यवस्था के लगभग हर पक्ष में डिजिटल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। इंडिविजुअल का डाटा कहीं ना कहीं किसी न किसी स्वरूप में फैला हुआ है। 

✨इन्हीं स्थितियों को देखते हुए कई संस्थान ने सरकार से इस तरह के कानून बनाने की अपील की है जिससे लोगों की डिजिटल पर्सनल डाटा को सुरक्षित रखा जा सके। 

लोगो द्वारा मांगें गए मांगों पर सरकार ने इन मांगों पर किया विचार..

🫴किसी कार्य के लिए पर्सनल डाटा लेते समय न्यूनतम जानकारी ही जुटाई जाए।

🫴पर्सनल डाटा का स्टोरेज लीगल वे में किया जाए।

🫴किसी भी सिटीजन का डाटा लेने वाला उस डाटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करें।

🫴कहीं भी डाटा की चोरी का अंदेशा हो तो उसकी शिकायत का मंच बनाया जाए।


⭐हम सभी को इस बात का एहसास होता होगा कि जब कभी भी हम किसी भी चीज के बारे में बात करते हैं तो सोशल मीडिया पर उससे संबंधित प्रचार आने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे हाथ में जो स्मार्टफोन है इसमें माइक्रोफोन लगा हुआ है। और जब कभी भी हम किसी भी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करते हैं तो हमसे कई प्रकार के सेटिंग्स को allow करवा लिया जाता है। एक तो हम जल्दबाजी में सब कुछ allow कर देते हैं और दूसरी और देखा जाए यदि हम allow नहीं करेंगे तो हम उस एप्लीकेशन का यूज ही नहीं कर पाएंगे। इसके बाद होता यह है कि हमारे सारे फोटोस हमारे सारे कांटेक्ट, हम क्या किससे बात कर रहे हैं..सारा डाटा एप्लीकेशन के पास पहुंच जाता है। 

⭐अगर आपको विश्वास ना हो रहा हो तो अपने फोन को हाथ में ले जाए और चार पांच बार बोलिए पिज़्ज़ा पिज़्ज़ा पिज़्ज़ा फिर आप दो-तीन मिनट बाद अपना सोशल मीडिया अकाउंट चेक करिए आपको पिज़्ज़ा का ऐड आने लगेगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा सारा डाटा एप्लीकेशन के पास जा रहा होता है और वह एप्लीकेशन आपका सारा डाटा कंपनियों को बेच देता है। 

इसको लेकर मार्क जुकरबर्ग को एक बार अमेरिकी अदालत में भी बुलाया जा चुका है।

आप यह सुनकर पढ़कर हैरान हो जाएंगे कि हमें हर महीने में लगभग 18 से 20 स्पैम कॉल आती है। 

लगभग 38 अरब स्पैम कॉल को 2021 में ट्रूकॉलर ने ब्लॉक किया था। 

5 अरब s.m.s. फिशिंग के प्रयास होते हैं भारत में सालाना। 

Inhin sab chijon Ko lekar jamtara Jaisi web series bhi banai ja chuki hai.

जब डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन बिल संसद से पास होकर एक्ट बन जाएगा तो कुछ इस तरह से सुरक्षा की व्यवस्था बन जाएगी-

👉डाटा जिस उद्देश्य के लिए लिया जाएगा केवल उसी उद्देश्य के लिए यूज किया जाएगा। 

👉पर्सनल डाटा के यूज़ के लिए कंपनियों को ग्राहकों की परमिशन लेनी होगी।

👉ग्राहक अपने डेटा के रखरखाव की जानकारी ले सकेंगे।

👉बैंक डिजिटल प्लेटफॉर्म केवाईसी के नाम पर लिए डाटा का प्रयोग अन्य तरीकों से नहीं कर सकेंगे।

👉पैन और आधार कार्ड के दुरुपयोग पर सजा और जुर्माना बढ़ा दिया जाएगा।

👉कानून के उल्लंघन पर 10000 से 250 करोड़ तक जुर्माने का प्रोविजन होगा। दूसरी बार उल्लंघन में पकड़ी गई कंपनी को ₹500 करोड़ तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

👉अधिग्रहण एवं विलय होने पर संबंधित कंपनियां डाटा शेयर कर सकेंगे।

👉क्रेडिट मूल्यांकन लोन रिकवरी के लिए डाटा का प्रयोग हो सकेगा।

👉सरकार को कुछ मामलों में डाटा के यूज़ का अधिकार रहेगा।

👉सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करने पर इंटरनेट मीडिया कंपनियों को यूज़र का पूरा डाटा डिलीट करना होगा।

👉इस समय आईटी एक्ट 2000 का कानून चल रहा है जो कि काफी पुराना हो चुका है। वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से इसमें कई खामियां हैं, इसलिए नया कानून इसकी जगह पर आ जाएगा। 

🌞कहा जाता है कि 'prevention is better than cure' तो क्यों ना हम खुद भी अपने डेटा को सुरक्षित रखें..

👉सबसे पहले जिस एप्लीकेशन का आप यूज नहीं कर रहे हैं उसको डिलीट कर दें।

👉सोशल मीडिया अकाउंट पर उन्हीं लोगों को जोड़ें जिनको आप जानते हो।

👉किसी भी प्रकार की एप्लीकेशन की जरूरत हो तो प्ले स्टोर से डाउनलोड करें।

👉सोशल मीडिया पर अपना ईमेल आईडी और फोन नंबर हाइड कर कर रखें।

👉कोशिश करिए की फैमिली फोटोस या पर्सनल फोटोस केवल आपके जानने वाले ही देख पाए।

👉कभी भी स्पैम कॉल आए तो उसे ब्लॉक कर दें।

👉अपना फोन या सोशल मीडिया अकाउंट का पासवर्ड किसी अन्य व्यक्ति को ना दें।

👉समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें और पासवर्ड को थोड़ा tough रखें।

👉किसी भी प्रकार का कॉल आता है और आप से आपके बैंक डिटेल्स मांगे जाते हैं तो बिल्कुल भी ना दें। 

👉कोई भी फोन करके बोले कि आप लॉटरी जीत गए हैं तो उस पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें क्योंकि आज के समय में बिन मेहनत कुछ भी नहीं मिलता है।

👉आपके घर में बड़े बुजुर्ग हो तो उन्हें भी यह चीज बताएं और खुद ही उनके फोन में सेटिंग्स इस प्रकार कर दें कि उनका डाटा लीक न हो!

सोर्स - #DainikJagran

थैंक यू!




Saturday 8 July 2023

इतिहास में 8 जुलाई के दिन क्या हुआ था?

आज ही के दिन 8 जुलाई 1918 को भारत में संवैधानिक सुधारों के लिए मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड रिपोर्ट प्रकाशित हुई। 1919 का भारत सरकार अधिनियम इसी रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर बना था। इस रिपोर्ट के तहत एडमिनिस्ट्रेशन में पहली बार भारतीयों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाते हैं।


8 जुलाई 1947 में पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा भारत की खोज के लिए निकला था। उसने पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन से सफर की शुरुआत की थी। 20 मई 1498 को केरल के कालीकट तट पर पहुंचा । भारत के समुद्री मार्ग की खोज ने पश्चिमी देशों के लिए यहां के दरवाजे खोल दिए।


और आगे की बात करें तो आज ही 8 जुलाई को 1937 में उपन्यासकार गिरिराज किशोर जी का जन्म हुआ था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुआ था। 1960 से 64 तक उत्तर प्रदेश सरकार में सेवायोजन व प्रोबेशन अधिकारी के रूप में कार्य किए । बाद में कानपुर विश्वविद्यालय और आईआईटी कानपुर में भी सेवाएं दी इस दौरान साहित्य साधन चलती रही। 1966 में पहला उपन्यास 'लोग' प्रकाशित हो गया था। 'ढाई घर' और गांधीजी के अफ्रीका प्रवास पर लिखे 'पहला गिरमिटिया' ने विशेष पहचान दिलाई। कहानी और नाटक लेखन में बहुत अच्छी पकड़ थी।

Friday 7 July 2023

क्या इंस्टाग्राम द्वारा तैयार थ्रेड्स एप्लीकेशन ट्वीटर को टक्कर दे पाएगा?

फेसबुक जिसका नाम मेटा हो चुका है ने अपने माइक्रोब्लॉगिंग इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म *threads* को 6 जुलाई को लॉन्च कर दिया है।

इंस्टाग्राम द्वारा तैयार इस एप्लीकेशन को प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर डाल दिया गया है।

यह एप्लीकेशन अपने आप में इंडिपेंडेंट होने के बावजूद सीधे तौर पर इंस्टाग्राम से जुड़ा हुआ है। कहने का मतलब है आप अगर इस पर अपना अकाउंट बनाते हैं तो उसके लिए इंस्टाग्राम यूजरनेम का प्रयोग कर सकते हैं। 

इस पर अकाउंट बनाने के बाद आप इंस्टाग्राम पर जुड़े हुए लोगों को एक साथ बल्क में फॉलो कर सकते हैं।

यदि आप ट्विटर यूज करते हैं तो आपको पता चल जाएगा या आप पाएंगे कि यह बिल्कुल ट्यूटर की तरह ही काम करता है।

इसका न्यूजफीड मुझे बहुत बढ़िया लगा।

इस एप्लीकेशन को आप ट्विटर के competitor के रूप में देख सकते हैं। 

मैं अपने पर्सनल ओपिनियन को बताऊं तो इस एप्लीकेशन के बाद ट्विटर के यूजर्स में काफी संख्या में गिरावट आने वाली है। हमें ज्ञात है कि कुछ सालों पहले 'koo' नामक भारतीय app मार्केट में आया था..koo कुछ खास नहीं कर पाया क्योंकि उसका यूआई उतना smooth नहीं था जितना टि्वटर का है। लेकिन इंस्टाग्राम के थ्रेड्स एप्लीकेशन का यूआई बहुत बेहतरीन है।

सोशल मीडिया पर सावधानी बरते!

सोशल मीडिया के समय में बहुत ज्यादा सावधानी रखना चाहिए खासकर ऐसे लोगों को जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं।

आइए कुछ बातों का जिक्र करते हैं जिससे आप सोशल मीडिया पर प्राइवेसी को मेंटेन रख सकते हैं।

यदि आपको सोशल मीडिया पर कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट आया है तो उसको तभी एक्सेप्ट करें जब आप पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लें। किसी अनजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से बचें।

Kisi bhi prakar ka application agar download karna hai to usko Keval aur Keval Play Store se download Karen.

अपने मोबाइल में हमें वाईफाई ब्लूटूथ को हमेशा ऑन करके नहीं रखना चाहिए।

4 से 5 महीनों के बीच में अपना पासवर्ड चेंज करते रहिए।

सोशल मीडिया पर कभी भी अपना पर्सनल ईमेल आईडी शेयर नहीं करें।

यदि आप सरकारी कर्मचारी हैं तो किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट या किसी प्रकार की गवर्नमेंट सूचना को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट या शेयर नहीं करना चाहिए । 

यदि आप किसी भी सस्पिशियस व्यक्ति से जुड़े हो तो उसको ब्लॉक कर दें।


Wednesday 5 July 2023

अवैध संबंधों को नहीं दी जा सकती पुलिस सुरक्षा - HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक महिला ने रिट दाखिल करके सुरक्षा की मांग करी जोकि लिव इन रिलेशनशिप में रह रही हैं। महिला ने अपनी उम्र 37 साल बताई और कहा कि पति के यातनापूर्ण व्यवहार के कारण 6 जनवरी 2015 से ही दूसरे व्यक्ति के साथ स्वेच्छा से और शांतिपूर्वक रह रही हैं।

उन्होंने यह मांग किया कि उनके पति जिनसे उनका अभी तलाक नहीं हुआ है, उनके शांतिपूर्ण जीवन को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है,  इसलिए उन्हे सुरक्षा प्रदान की जाए। 

सरकार की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर पुरुष के साथ अवैध रूप से विवाहेत्तर संबंध में रह रही है। वह शादीशुदा है, तलाक नहीं हुआ है उसका पति अभी जीवित है। 

कोर्ट ने कहा की हम लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अवैध संबंधों के खिलाफ हैं। आगे कोर्ट ने कहा कि सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर अवैध संबंधों को पुलिस सुरक्षा नहीं दी जा सकती हैं।

अवैध संबंध रखने वाले को सुरक्षा देने का अर्थ है कि अवैध विवाहेत्तर संबंध को मान्यता देना। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याची की याचिका खारिज कर दी।

विवाह की पवित्रता में तलाक पहले से ही शामिल है। यदि याची को अपने पति के साथ कोई मतभेद है तो लागू कानून के अनुसार सबसे पहले उससे अलग होने के लिए उसे आगे बढ़ना होगा। पति के रहते हुए पत्नी को पर पुरुष के साथ अवैध संबंध में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती। 


यदि मैं अपने स्वयं के विचार की बात करूं तो आज के समय में हम लोग कहीं ना कहीं वेस्टर्न कल्चर से प्रभावित हो रहे हैं। और इस बात को ध्यान देना चाहिए की वेस्टर्न कल्चर से हम अच्छी चीजों को लेकर नहीं प्रभावित हो रहे हैं बल्कि उन चीजों से प्रभावित हो रहे हैं जिनसे सामाजिक ताना-बाना बिगड़ेगा और बिगड़ रहा भी है।

बात रही लिव इन रिलेशनशिप की तो यह लिव इन रिलेशनशिप कुछ महीनों या कुछ सालों तक के लिए अच्छा लग सकता है लेकिन जीवन भर के लिए आप इसमें अपने संबंधों को निभा नहीं सकते। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें पारिवारिक सुरक्षा नहीं होता। यदि आपके लिव इन रिलेशनशिप में कोई बच्चा जन्म लेता है तो भी समाज उसको सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता ।

 पारिवारिक सुरक्षा ना होने के कारण अक्सर झगड़े वाद-विवाद को कोई समझाने वाला नहीं होता और इसमें अक्सर मारपीट हुआ करता है यहां तक कि लोग जान भी ले लेते हैं।
 
अभी आपने कुछ महीनों पहले का न्यूज़ पढ़ा होगा कि आफ़ताब नाम के लड़के ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही अपनी पार्टनर के 35 टुकड़े कर दिए थे। और दूसरा न्यूज़ या था कि लिव इन रिलेशनशिप में रह रही एक महिला को उसके पार्टनर ने पहले मारा फिर टुकड़े-टुकड़े करके उसको बॉयल करके  कुत्तों को खिला दिया। 

अवैध संबंधों को नहीं दी जा सकती पुलिस सुरक्षा

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक महिला ने रिट दाखिल करके सुरक्षा की मांग करी जोकि लिव इन रिलेशनशिप में रह रही हैं। महिला ने अपना उम्र 37 साल बताया और बताया कि पति के यातनापूर्ण व्यवहार के कारण 6 जनवरी 2015 से ही दूसरे व्यक्ति के साथ स्वेच्छा से और शांतिपूर्वक रह रही हैं।

उन्होंने यह मांग किया कि उनके पति जिनसे उनका अभी तलाक नहीं हुआ है, उसके शांतिपूर्ण जीवन को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है,  इसलिए उसे सुरक्षा प्रदान की जाए। 

सरकार की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता पर पुरुष के साथ अवैध रूप से विवाहेत्तर संबंध में रह रही है। वह शादीशुदा है, तलाक नहीं हुआ है उसका पति अभी जीवित है। 

कोर्ट ने कहा की हम लिव इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अवैध संबंधों के खिलाफ हैं। आगे कोर्ट ने कहा कि सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर अवैध संबंधों को पुलिस सुरक्षा नहीं दी जा सकती हैं।

अवैध संबंध रखने वाले को सुरक्षा देने का अर्थ है कि अवैध विवाहेत्तर संबंध को मान्यता देना। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याची की याचिका खारिज कर दी।

विवाह की पवित्रता में तलाक पहले से ही शामिल है। यदि याची को अपने पति के साथ कोई मतभेद है तो लागू कानून के अनुसार सबसे पहले उससे अलग होने के लिए उसे आगे बढ़ना होगा। पति के रहते हुए पत्नी को पर पुरुष के साथ अवैध संबंध में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती। 


यदि मैं अपने स्वयं के विचार की बात करूं तो आज के समय में हम लोग कहीं ना कहीं वेस्टर्न कल्चर से प्रभावित हो रहे हैं। और इस बात को ध्यान देना चाहिए की वेस्टर्न कल्चर से हम अच्छी चीजों को लेकर नहीं प्रभावित हो रहे हैं बल्कि उन चीजों से प्रभावित हो रहे हैं जिनसे सामाजिक ताना-बाना बिगड़ेगा और बिगड़ रहा भी है।

बात नहीं मिल सकता है

तालिबान ने ब्यूटी पार्लर पर प्रतिबंध लगा दिया।

हम सभी जानते हैं कि इस समय अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान काबिज है।

आए दिन हम कुछ ना कुछ तालिबान से संबंधित न्यूज़ आर्टिकल पढ़ते हैं

नया न्यूज़ यह निकल कर आ रहा है कि तालिबान ने महिलाओं की ब्यूटी पार्लर पर प्रतिबंध लगा दिया है। 
तालिबान ने देशभर के ब्यूटी पार्लरों को 1 महीने में अपना कारोबार समेटने का नोटिस थमाया है।

महिलाओं एवं लड़कियों की अधिकारों एवं उनकी स्वतंत्रता पर तालिबान ने फिर से यह नया प्रहार किया है।

 आपको मालूम हो की उन्हें शिक्षा, सार्वजनिक स्थलों पर जाने और रोजगार से वंचित किया जा चुका है। 



बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु जी

5 जुलाई 1995 में पीवी सिंधु जी का जन्म हुआ था। पीवी सिंधु जी 8 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दी थी। 

2009 में कोलंबो में 'सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप' खेलकर इन्होंने कांस्य पदक जीता था।

2012 में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के टॉप 20 रैंकिंग में इन्होंने जगह बनाई।

साथी साथ 2016 में रियो ओलंपिक में सबसे कम उम्र में भारत के लिए रजत पदक जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया।

2021 में हुए टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक पाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई।

Saturday 1 July 2023

सावन का महीना और भगवान शिव 🙏


भोलेनाथ जरा सी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहा वरदान दे देते हैं। शायद इसीलिए भगवान भोलेनाथ को  औघड़दानी भी कहा जाता है। 

अर्धनारीश्वर कहे जाने वाले प्रभु भोलेनाथ स्त्रियों के सबसे प्रिय देवता माने जाते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि अपनी जीवनसंगिनी के मान-सम्मान के लिए वह तांडव करने से नहीं चूकते हैं। जिस वजह से हर कन्या भगवान शिव से अपने लिए उनके जैसे वर की कामना करती है। भगवान शिव बातों-बातों में यह भी सीख दे देते हैं कि जहां आपका मान- सम्मान ना हो वहां नहीं जाना चाहिए।

भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, सांप, बिच्छू, और से जीव जंतु प्रिय लगते हैं।

प्रभु भोलेनाथ से संबंधित आगे की बात करें, सावन शुरू होने वाला है। सावन शुरू होने का अर्थ है वर्षा ऋतु की शुरुआत। वर्षा ऋतु की शुरुआत के बाद प्रकृति हरियाली से परिपूर्ण हो जाता है। सावन शुरू होने के साथ-साथ चौमासा भी शुरू हो जाता है। चौमासा या चातुर्मास के समय कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।

ऐसा कहा जाता है कि चौमासा में संसार के पालन का सारा भार भगवान विष्णु, भगवान शिव को सौंप देते हैं।

आपको यह भी जानना चाहिए कि सावन में गलत आचरण करने वाला व्यक्ति अक्षम्य पाप का भागी बनता है।

सावन में प्रभु भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को वर के रूप में पाने के लिए इसी माह में कठोर तपस्या की थी।

भगवान शिव की पूजा बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि से की जाती है । इसका तात्पर्य है कि उन्हें प्रकृति से विशेष लगाव है, और उन्हें ऐसी वस्तुएं प्रिय है जो सबके लिए सुलभ है।

चाहे विवाहित हो या अविवाहित सभी को सावन में मेहंदी अवश्य लगाना चाहिए। साथ ही हरे रंग की चूड़ियां अवश्य पहननी चाहिए इससे मां गौरी अत्यंत प्रसन्न होती हैं क्योंकि उन्हें प्रकृति का हरा रंग बहुत पसंद है। 

बहुत से स्थानों पर यह भी मान्यता है कि शादी के बाद सावन में मायके जाकर त्यौहार मनाने से पति की उम्र लंबी होती है और दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है।

सावन में ही भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार भी आता है।

मेहंदी की बात करें तो हाथों में मेहंदी रचाने की परंपरा केवल श्रृंगार हेतु नहीं है और ना ही केवल इसका धार्मिक कारण है। मेहंदी का वैज्ञानिक महत्व भी है । मेहंदी दिमाग को शांत रखने के साथ ही उसे ऊर्जावान भी बनाती है। माना जाता है कि जिस लड़की की मेहंदी जितना रंग लाती है उसको उतना ही पति और ससुराल से प्रेम मिलता है।

AJ 



यूनिफॉर्म सिविल कोड के लाभ! #UCC

Pradhanmantri Narendra Modi ji ki or se yah kahe jaane ke bad ki ek Ghar Mein do Kanoon nahin chal sakta hai...ke बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बातें तेज हो गई हैं।

Law commission ne logon se #UCC par unke Rai mange the. अभी तक लगभग 2000000 सुझाव मिल चुके हैं।


सबसे पहले बात करें अलग-अलग पंथो के लिए डिफरेंट लॉज होने के कारण कोर्ट का समय बर्बाद होता है, इससे कोर्ट का टाइम बचेगा।

डाइवोर्स का एक जनरल रूल सबके लिए लागू होगा।

सैकड़ों जटिल बेकार और पुराने लॉज से मुक्ति मिल जाएगी।

हम सभी जानते हैं कि डाइवोर्स का एक ग्राउंड है कि अगर कोई व्यक्ति नपुंसक है तो उस बेसिस पर उसकी पार्टनर डाइवोर्स ले सकती है, का लाभ समान रूप से मिलेगा।

पैतृक संपत्ति में पुत्र-पुत्री तथा बेटा-बहू को समान अधिकार प्राप्त होगा।

यदि डायवोर्स हो जाता है तो संपत्ति में पति-पत्नी को समान अधिकार मिलेगा।

वसीयत के मामले में, दान के मामले में, बंटवारे के मामले में, गोद लेने के मामले में समान कानून लागू होगा।

शाहबानो वाद 1985 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने  कहा था कि यह अत्यधिक दुख का विषय है कि हमारे कॉन्स्टिट्यूशन का आर्टिकल 44 मृत अक्षर बनकर रह गया है। Sarkar sabhi nagrikon ke liye ek 'saman nagrik sanhita' banae, ise banane ke liye sarkari astar ke prayas karne ke sakshya nahin hai. saman nagrik sanhita virodhabhashi vicharon wale kanon ke prati prithakta bhav ko samapt kar rashtriy akhandata ke Lakshya ko prapt karne mein Sahyog karegi.

शायरा बानो वाद 2017 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम, सरकार को निर्देश देते हैं कि वह उचित विधान बनाने पर विचार करें। हम आशा करते हैं कि वैश्विक पटल पर और इस्लामिक देशों में शरीयत में हुए सुधारों को ध्यान में रखते हुए एक कानून बनाया जायेगा। जब ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय दंड संहिता के माध्यम से सबके लिए कानून लागू किया जा सकता है तो भारत के पीछे रहने का कोई कारण नहीं है।

आपको हम बता दें कि गोवा में पुर्तगाली शासन के समय 1870 से ही ऐसा कानून लागू है।

समान नागरिक संहिता इसलिए लागू नहीं हो पा रहा है या नहीं किया जा रहा है क्योंकि इसको डायरेक्टिव प्रिंसिपल आफ स्टेट पॉलिसी के सब्जेक्ट मैटर में रखा गया है। यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वह आर्टिकल 44 को लागू करते हैं या नहीं। इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट नहीं जा सकते हैं कि राज्य आर्टिकल 44 को लागू करें। इसलिए वोट बैंक की राजनीति के कारण राज्य आर्टिकल 44 को लागू करने से बच रहे हैं। 



उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी कहते हैं कि प्रदेशवासियों से किए गए वादे के अनुरूप 30 जून को समान नागरिक संहिता का प्रारूप तैयार करने के लिए बनाई गई समिति ने अपना कार्य पूरा कर लिया है। जल्द ही देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।

                Ayush Jaiswal