सुनो मैं ख्वाब लिखती हूँ , तुम इसमे रंग भर देना l
सुनो मैं स्वपन लिखती हूँ ,तुम एक आरम्भ भर देना ll
सुनो लिखती हूँ मैं संसार न तुम उजाड लिख देना l
बस इतना करना तुम कि संचार लिख देना ll
जोड़कर भावनाओ को मैं एक घर बनाती हूँ l
ऐसा करना तुम कि तरंग भर देना ll
कु्छ सूनापन सा दिखता है चलो इंसान लिखती हूँ l
तुम ऐसा करना कि वही भगवान लिख देना ll
मगर यह ध्यान देना कु्छ कमी इंसां में है बाकी ,
कही गलती से भी ना पास जंग भर देना ll
हाँ यह सच है कि जंग के पहलू कई होंगे l
जो औरों से हो तो बन्द और खुद से आनंद भर देना ll
सुनो मैं ख्वाब लिखती हूँ तुम इसमें रंग भर देना ll
अभी भी है बचा बहुत कुछ लिखने बनाने को l
अगली बार के लिये प्रारम्भ लिख देना ll
#शब्दिता
#Pratibha_Shukla
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