🌷 बीवी
के आगे माँ रद्द हो गई !
🌷 बड़ी
मेहनत से जिसने पाला,
🌷 आज
वो मोहताज हो गई !
🌷 और
कल की छोकरी,
🌷 तेरी
सरताज हो गई !
बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई !
🌷 वाह
रे जमाने तेरी हद हो गई.!!
🌷 पेट
पर सुलाने वाली,
🌷 पैरों
में सो रही !
🌷 बीवी
के लिए लिम्का,
🌷 माँ
पानी को रो रही !
🌷 सुनता
नहीं कोई, वो आवाज देते सो गई !
🌷 वाह
रे जमाने तेरी हद हो गई.!!
🌷 माँ
मॉजती बर्तन,
🌷 वो
सजती संवरती है !
🌷 अभी
निपटी ना बुढ़िया तू ,
🌷 उस
पर बरसती है !
🌷 अरे
दुनिया को आई मौत,
🌷 तेरी
कहाँ गुम हो गई !
🌷 वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!
🌷 अरे जिसकी कोख में पला,
🌷 अब
उसकी छाया बुरी लगती,
🌷 बैठ
होण्डा पे महबूबा,
🌷 कन्धे
पर हाथ जो रखती,
🌷 वो यादें अतीत की,
🌷 वो
मोहब्बतें माँ की, सब रद्द हो गई !
🌷 वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!
🌷 बेबस
हुई माँ अब,
🌷 दिए
टुकड़ो पर पलती है,
🌷 अतीत को याद कर,
🌷 तेरा
प्यार पाने को मचलती है !
🌷 अरे
मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत
हो गई !
🌷 वाह
रे जमाने तेरी हद हो गई .!!
🌷 मां
तो जन्नत का फूल है,
प्यार
करना उसका उसूल है ,
🌷दुनिया की मोह्ब्बत फिजूल है ,
🌷 मां
की हर दुआ कबूल है ,
🌷 मां
को नाराज करना इंसान तेरी भूल है ,
🌷 मां
के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है ,