Friday, 28 March 2025

Satphere ✨

हिंदू विवाह में सात फेरे (सप्तपदी) एक महत्वपूर्ण रस्म है, जिसमें दूल्हा और दुल्हन अग्नि के चारों ओर सात फेरे लेते हैं। प्रत्येक फेरे के साथ एक वचन लिया जाता है, जो वैवाहिक जीवन के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को दर्शाता है। ये वचन संस्कृत में होते हैं, लेकिन इन्हें हिंदी में सरल भाषा में इस प्रकार समझा जा सकता है:

पहला फेरा:
वचन - "हम साथ मिलकर अपने परिवार की जिम्मेदारियाँ निभाएँगे और जीवन में पवित्रता बनाए रखेंगे। मैं तुम्हें पौष्टिक भोजन और सुख-सुविधाएँ प्रदान करूँगा।"
अर्थ - जीवन के लिए आवश्यक चीजों का ध्यान रखना और धर्म के मार्ग पर चलना।

दूसरा फेरा:
वचन - "हम एक-दूसरे का सम्मान करेंगे और जीवन में शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति के लिए प्रार्थना करेंगे।"
अर्थ - आपसी सहयोग और मजबूत रिश्ते की नींव रखना।

तीसरा फेरा:
वचन - "हम धन और समृद्धि के लिए मिलकर प्रयास करेंगे और अपने कर्तव्यों को निष्ठा से निभाएँगे।"
अर्थ - आर्थिक स्थिरता और समृद्धि की कामना।

चौथा फेरा:
वचन - "हम एक-दूसरे के प्रति प्रेम और विश्वास बनाए रखेंगे और अपने परिवार को सुखी रखेंगे।"
अर्थ - पारिवारिक सुख और आपसी प्रेम को बढ़ाना।

पाँचवाँ फेरा:
वचन - "हम अपने बच्चों और परिवार के कल्याण के लिए साथ मिलकर काम करेंगे और दान-पुण्य में हिस्सा लेंगे।"
अर्थ - संतान और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाना।

छठा फेरा:
वचन - "हम हर सुख-दुख में एक-दूसरे के साथ रहेंगे और जीवन को संतुलित व खुशहाल बनाएँगे।"
अर्थ - हर परिस्थिति में साथ निभाने का वादा।

सातवाँ फेरा:
वचन - "हम जीवन भर एक-दूसरे के प्रति वफादार रहेंगे और दोस्त की तरह एक-दूसरे का साथ देंगे।"
अर्थ - आजीवन निष्ठा और सच्ची मित्रता का वचन।
ये वचन हर जोड़े के लिए थोड़े अलग-अलग शब्दों में हो सकते हैं, क्योंकि ये क्षेत्रीय रीति-रिवाजों और पुजारी के अनुसार बदल सकते हैं। लेकिन मूल भाव यही रहता है कि दंपति एक-दूसरे के प्रति प्रेम, सम्मान, और जिम्मेदारी का वादा करते हैं।

Kedarnath Dham Mandir 🕉️ Drone View ☺️