Wednesday 6 March 2024

Anant Ambani ❤️

Disadvantage of Sugar.

Excessive consumption of sugar can lead to several disadvantages:

1. **Weight Gain**: Sugary foods and beverages are high in calories and can contribute to weight gain if consumed in excess.

2. **Increased Risk of Type 2 Diabetes**: Overconsumption of sugar can lead to insulin resistance, which is a risk factor for developing type 2 diabetes.

3. **Dental Problems**: Sugar promotes the growth of harmful bacteria in the mouth, leading to tooth decay and cavities.

4. **Negative Impact on Heart Health**: High sugar intake has been linked to an increased risk of heart disease and other cardiovascular problems.

5. **Risk of Obesity**: Sugary foods and drinks can contribute to obesity, which is associated with numerous health issues including high blood pressure, stroke, and certain types of cancer.

6. **Blood Sugar Spikes and Crashes**: Consuming sugary foods can cause rapid spikes in blood sugar levels followed by crashes, leading to feelings of fatigue and irritability.

7. **Nutrient Deficiency**: Foods high in sugar often lack essential nutrients, leading to imbalances in the diet and potential nutrient deficiencies.

8. **Increased Risk of Fatty Liver Disease**: Excessive sugar consumption can lead to the accumulation of fat in the liver, contributing to fatty liver disease.

Tuesday 20 February 2024

उत्तर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल | #UttarPradesh

 1)-आनंद भवन- प्रयागराज

2)-भारद्वाज आश्रम-प्रयागराज

3)भृगु मंदिर-बलिया

4)जायसी स्मारक-रायबरेली

5)कामदगिरि पर्वत-चित्रकूट

6)देवीपाटन मंदिर-बलरामपुर

7)इमामबाड़ा- लखनऊ

8)डॉक्टर अंबेडकर परिनिर्वाण स्थल- लखनऊ

9)अल्फ्रेड पार्क ( चंद्रशेखर आजाद पार्क )- प्रयागराज

10)दाऊजी मंदिर -मथुरा

11)शुक्रताल, शुकतीर्थ- मुजफ्फरनगर

12)सैयद सालार मसूद गाज़ी दरगाह- बहराइच

13)कबीरदास की समाधि- मगहर

14)श्री तुलसी पीठ सेवा न्यास- चित्रकूट

15)चौरासी गुंबद-कालपी

16)कालिंजर दुर्ग-बांदा

17)महर्षि दुर्वासा आश्रम-प्रयागराज

18)महर्षि दधीचि आश्रम- सीतापुर।

Friday 26 January 2024

Constitution of India

The original copy of the Constitution of India has pictorial depictions of Shree Ram, Laxman, Ma Sita, Shree Krishna, Arjuna, Buddha, Shiva's Nataraja & Mahavira among others. 

भारत के संविधान की मूल प्रति में श्री राम, लक्ष्मण, माँ सीता, श्री कृष्ण, अर्जुन, बुद्ध, शिव के नटराज और महावीर सहित अन्य का सचित्र चित्रण है। 

ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर होने के पुष्ट प्रमाण मिले हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बनारस में स्थित है। इसका निर्माण एक पुराने शिव मंदिर की जगह पर किया गया था जिसे औरंगजेब ने 1669 में ध्वस्त कर दिया था।

इस स्थान में मूल रूप से एक विश्वेश्वर मंदिर (Vishweshwar temple) था, जिसे टोडर मल ने नारायण भट्ट के साथ स्थापित किया था। वो बनारस के सबसे प्रसिद्ध ब्राह्मण परिवार के मुखिया थे। सत्रहवीं शताब्दी की शुरुआत में, जहांगीर के एक करीबी सहयोगी वीर सिंह देव बुंदेला एक संभावित संरक्षक थे..उन्होंने कुछ हद तक मंदिर का नवीनीकरण किया था। लगभग 1669 के आसपास, औरंगजेब ने मंदिर को गिराने का आदेश दिया और इसके स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण शुरू किया। मस्जिद का नाम एक निकटवर्ती कुएं, ज्ञान वापी ("ज्ञान का कुआं") से लिया गया है। 

किवदंतियों के अनुसार शिव ने इसे स्वयं शिवलिंग को ठंडा करने के लिए खोदा था।

माधुरी देसाई ने मस्जिद के इतिहास के हाल के वृत्तांतों को बार-बार विनाश और मूल मंदिर के पुनर्निर्माण के इर्द-गिर्द केंद्रित करने के लिए नोट लिखा।

18 अगस्त 2021 को राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दाखिल कर मां श्रृंगार गौरी की नियमित दर्शन पूजन की अनुमति देने की मांग करी।

8 अप्रैल 2022 को अदालत ने वरिष्ठ वकील अजय कुमार मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर बनाकर ज्ञानवापी परिसर की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का आदेश दिया।

16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी की पानी की टंकी में शिवलिंग की आकृति मिली, मंदिर पक्ष ने इसे शिवलिंग बताया।

17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया।

20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जिला जज वाराणसी की अदालत में सुनवाई के लिए भेज दिया।

12 सितंबर को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण का मुकदमा जिला जज की अदालत ने सुनवाई योग्य माना।

22 सितंबर को मंदिर पक्ष की वादी मंजू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी, सीता साहू की ओर से शिवलिंग के कार्बन डेटिंग या अन्य वैज्ञानिक तकनीक(जीपीआर ) से जांच की मांग का प्रार्थना पत्र दिया गया..।

14 अक्टूबर को अदालत ने शिवलिंग के वैज्ञानिक जांच की मंदिर पक्ष की मांग खारिज कर दी।

16 मई 2023 को मंदिर पक्ष ने वजू खाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की सर्वे का प्रार्थना पत्र दिया।

4 अगस्त को जिला जज ने एएसआई सर्वे का आदेश दिया।

2 नवंबर को सर्वे पूरा हुआ।

18 दिसंबर को एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल की।

24 जनवरी 2024 को जिला जज ने सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को देने का आदेश दिया।



अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट की कॉपी सभी पक्षकारों को सौंपी गई।

मंदिर पक्ष की वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट मिलने के बाद प्रेस कांफ्रेंस के सामने रिपोर्ट पढ़ी।

रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी में 32 ऐसी जगह मिली है जहां पुराने मंदिर होने के साक्ष्य मिले हैं।

इसके बाद मंदिर पक्ष अब अदालत से ज्ञानवापी की पानी की टंकी (वुजुखाना) के सर्वे की मांग करेगा।

ASI के अनुसार मौजूदा संरचना में प्रयुक्त स्तंभों और भित्ति स्तंभों का व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन किया गया । मस्जिद के विस्तार और सहन के निर्माण के लिए स्तंभों और स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों को थोड़े से संशोधन के साथ फिर से उपयोग में लाया गया है।

गुंबद की अंदरूनी हिस्से को तोड़-फोड़ कर सजाया गया है।

सर्वे में पाया कि इस मंदिर में एक बड़ा केंद्रीय कक्ष और क्रमशः उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम में कम से कम एक कक्ष था।

मंदिर के केंद्रीय कक्ष का मुख्य प्रवेश द्वार पश्चिम की ओर से था जिससे पत्थरों की चिनाई कर बंद कर दिया गया है। इस प्रवेश द्वार को जानवरों और पक्षियों की नक्काशी और एक सजावटी तोरण से सजाया गया है। इस बड़े मेहराबदार प्रवेश द्वार में एक और छोटा प्रवेश द्वार भी था इस छोटे प्रवेश द्वार ललाटबिम्म पर आकृति को काट दिया गया है