Sunday 8 October 2023

माता वैष्णो देवी की यात्रा 🚩🙏

जय माता दी मित्रों!



आज हम बात करते हैं माता वैष्णो देवी की यात्रा के बारे में..

यदि आप माता वैष्णो देवी की यात्रा करना चाहते हैं तो ट्रेन में बुकिंग 2 महीने पहले ही करवा लें। 

हमारी यात्रा में मेरे साथ मामा शुभम, विनायक और विकास साथ में थे।

हम लोगों के ट्रेन का टाइमिंग 3:00pm पर था।

हम चारों लोग 2:00 बजे तक स्टेशन पर पहुंच गए। 

ट्रेन अपने निर्धारित समय पर स्टेशन पर पंहुच गई। लेट बुकिंग के कारण हम लोगों को विंडो सीट नहीं मिल पाया था। लेकिन आधे रास्ते जाने के बाद जिनको विंडो सीट मिला था वह अपने जगह पर उतर गए। उसके बाद हम लोगों ने विंडो सीट का आनंद लिया। 

ट्रेन की खास बात यह है की ट्रेन के सफर में हमको नए-नए लोग मिलते हैं और बहुत सी नई-नई चीजें जानने को मिलती हैं। 

रात्रि में हम लोगों ने साथ में मिलकर खाना खाया। मामा पनीर की सब्जी पुलाव और पूरी बनावा कर लाए थे। विनायक भी पनीर की सब्जी और पूरी लेकर आया था। विनायक और विकास एक ही घर में रहते हैं। 

विनायक की मम्मी ने बहुत अच्छे-अच्छे मिष्ठान भेजे थे। और मामा भी अपने साथ चुरा, मीठा, भंवरी आदि साथ में लाए थे। 

हम लोगों का ट्रेन जम्मू तक ही था। यदि आप अभी बुकिंग करते हैं तो आप अपना ट्रेन जम्मू या कटरा के लिए बुक कर सकते हैं। 

दोपहर 1:00 बजे तक हम लोग जम्मू रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। 

जम्मू से कटरा हम लोग बाय बस गए थे। जम्मू से कटरा जाने के लिए पर पर्सन किराया 85 लगा था।

लगभग 2 घंटे के सफर के बाद या यह कहें 2 घंटे पहाड़ों का आनंद लेते हुए हम सभी कटरा पहुंच गए। 

कटरा में हम लोग उसी होटल में रुके जहां पर मामा और ओम पिछले साल रुके थे।

हम चार लोगों में रूम का रेंट ₹800 पर नाइट था।

लगभग 2 घंटे विश्राम करने और नहा धो लेने के बाद हम लोग माता रानी के दर्शन के लिए अपने रूम से निकल गए।

बस स्टेशन के पास बने रजिस्ट्रेशन रूम में जाकर आप निशुल्क रजिस्ट्रेशन करवा कर कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।  हम चारों लोग वहां पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड बनवा लिए। यात्रा खत्म होने के बाद नीचे उतरते समय बने बॉक्स में हम लोगों को कार्ड डालना होता है। 

जहां से हम लोगों के चढ़ाई की शुरुआत होती है वहां तक जाने के लिए हम लोगों को टेंपो लेना पड़ता है। जाने का टेंपो का किराया 150 रुपए पड़ता है। और उधर से आने का टेंपो का किराया ₹300 पड़ता है। आप शेयरिंग में भी जा सकते हैं।

आप अपने साथ मोबाइल फोन, कैमरा आदि ले जा सकते हैं। लेकिन किसी भी प्रकार का नशीला पदार्थ या किसी भी प्रकार का घातक वस्तु नहीं ले जा सकते हैं। 

रास्ते में हम लोगों ने लाठी ले लिया। एक लाठी की कीमत ₹20 पड़ती है।

अब हम चारों लोगों ने जय माता दी कहते हुए, माता का जयकारा लगाते हुए मंदिर की ओर चल दिए। 

आपको रास्ते में जगह-जगह पर खाने-पीने के लिए दुकाने मिल जाएंगी। साथ में चलने वाले हजारों लोग दिखाई पड़ेंगे। हर तरफ माता रानी का जयकारा लगता हुआ सुनाई पड़ेगा। मधुर संगीत सुनाई पड़ेंगे।

कुछ किलोमीटर चलने के बाद हम लोगों ने बाण गंगा जी के दर्शन किए। जहां पर हनुमान जी का प्यास बुझाने के लिए माता रानी ने बाण चला कर जल निकाला था। 

रात में 11:00 बजे तक हम लोग अर्धकुंवारी पहुंच गए। लगभग आधे घंटे आराम करने के बाद और कुछ खाने पीने के बाद। हम सभी पुनः माता रानी के मंदिर की ओर चलने लगे। 


प्यास बुझाने के लिए जगह-जगह पर आपको टोटी दिखाई पड़ेगा। 

यदि आप अर्धकुंवारी से माता रानी के दरबार तक गाड़ी से जाना चाहते हैं तो उसके लिए ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं। रात में 2:00 बजे तक हम लोग माता रानी के दरबार में पहुंच गए थे। वहां पर रुकने के लिए भी आप ऑनलाइन अकोमोडेशन के लिए बुकिंग कर सकते हैं जिसका प्राइज डेढ़ सौ रुपया पर पर्सन पड़ता है। हम लोगों ने जानकारी के अभाव में बुकिंग नहीं कराया था। हम लोगों ने रात में विश्राम करने के लिए नीचे से कंबल ले लिया। एक कंबल का ₹100 पड़ता है। कंबल वापस करने के बाद आपका पैसा आपको लौटा दिया जाता है। 3 घंटे आराम करने के बाद 5:00 बजे हम लोग उठ गए और 6:00 बजे तक हम सभी लोगों ने स्नान कर लिया। 

स्नान करने के बाद हम सभी लोगों ने प्रसाद लिया। और हम चारों लोगों ने अपना सामान लाकर रूम में रख दिया। लॉकर रूम का भी चार्ज नहीं लगता है। 

लाइन में लगने के लगभग डेढ़ घंटे बाद, जय माता की जयकारों के साथ हम सभी माता रानी के पवित्र गुफा के पास पहुंच गए। पवित्र गुफा के अंदर दो रास्ते बने हैं एक रास्ते से पुरुष लोग जाते हैं और एक रास्ते से महिलाएं। गुफा के अंदर जयकार नहीं लगाए जाते हैं। गुफा के अंदर आपको बहुत ही अद्भुत शक्ति का अनुभव होता है।

गुफा के अंदर लेफ्ट साइड में माता रानी के पिंडी रूप में दर्शन प्राप्त हुए। 

गुफा के अंदर से निकलने के तुरंत बाद हम लोगों ने पवित्र जल पिया। और कुछ दूर चलने के बाद हम लोगों ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन भी किए। ध्यान देने वाली बात है कि आप गुफा के अंदर मोबाइल फोन नहीं ले जा सकते हैं।

प्रसाद के लिए जो हम लोगों को टोकन मिला होता है गेट पर, वही टोकन बाहर दिखाकर हम लोगों को प्रसाद मिल जाता है। 

बाहर बने साइन बोर्ड के दुकानों पर आप और प्रसाद खरीद सकते हैं। वहां पर बने जलपान गृह में आप स्वादिष्ट भोजन का आनंद ले सकते हैं।

माता रानी के दर्शन करने के बाद हम सभी लोगों ने भैरव बाबा के दर्शन किए। भैरव बाबा के दर्शन के लिए हम लोगों ने रोपवे का यूज किया। 

रोपवे फेयर 100/पर्सन।

भैरव बाबा के मंदिर से माता रानी का मंदिर दिखाई देता है। भैरव बाबा के मंदिर परिसर से आपको ऐसी अनुभूति होती है कि जैसे आप स्वर्ग में आ गए हों। इस अनुभव को वहां पर जाकर ही महसूस किया जा सकता है।

भैरव बाबा के दर्शन करने के बाद हम लोग नीचे की ओर प्रस्थान कर दिए। 

नीचे की ओर आते समय हम लोगों ने ताराकोट मार्ग का प्रयोग किया। चढ़ाई के लिए ताराकोट मार्ग बहुत कठिन है। 

हम सभी लोग शाम को 6:00 बजे अपने रूम पर पहुंच गए। 

कुछ घंटे विश्राम करने के बाद हम लोग लोकल मार्केट में घूमने के लिए निकल गए।

कटरा में आपको खरीदने के लिए अच्छी-अच्छी चीजें मिल जाएंगी।

खाने के लिए भी आपको बहुत सी अच्छी-अच्छी चीजें मिल जाएंगी।

आप यदि चढ़ाई नहीं कर सकते हैं तो घोड़े का प्रयोग कर सकते हैं। और भी आसान तरीका है, आप ऑनलाइन हेलीकॉप्टर के लिए बुकिंग कर सकते हैं। 

कुछ इस तरह से रही हम लोगों की माता वैष्णो देवी की यात्रा।

यदि आप भी यात्रा करना चाह रहे हैं या यात्रा कर रहे हैं तो आपकी यात्रा मंगलमय हो। 

आप सभी को जय माता दी। 🚩🙏